मोहब्बत की बातें करो
मोहब्बत की बातें करो - पीयूष मिश्रा
ना ही सुनाओ लहू की कथा,
मोहब्बत वोहब्बत की बातें करो,
कोई तो मोहब्बत की बातें करो,
हां-हां मोहब्बत की बातें करो,
कोई तो सुनाओ दास्तां दोस्ती की,
यारा मोहब्बत की बातें करो,
मौला मोहब्बत की बातें करो......!
सड़कों पे मासूम खून के छीटों से ना ही लिखो इतिहास,
और ना ही छेड़ो कुरेजी पैमाने रंजिश का जिक्र बार बार,
जबीं तो एक तरफ को उठाकर,
मनहूस मौत की चर्चा के ख़ंजर,
ना ही सुनाओ लहू की कथा,
मोहब्बत वोहब्बत की बातें करो,
कोई तो मोहब्बत की बातें करो,
हां-हां मोहब्बत की बातें करो,
कोई तो सुनाओ दास्तां दोस्ती की,
यारा मोहब्बत की बातें करो,
मौला मोहब्बत की बातें करो.....!
बहुत हो चुकी मौत की ये बातें,
बहुत हो चुकी है ये खंजरों की कथा,
पोछ डालो अब ये आग वाला सफा,
और मेरी तरफ देखो,
मैं एक प्यारा सा हिन्दोस्तां हूं,
और जल रहे घर की कथा हूं,
अरे आदमी के चेहरे पर लिखी जिंदगी की आखरी व्यथा हूँ,
ना ही सुनाओ लहू की कथा,
मोहब्बत वोहब्बत की बातें करो,
कोई तो मोहब्बत की बातें करो,
हां-हां मोहब्बत की बातें करो,
कोई तो सुनाओ दास्तां दोस्ती की,
यारा मोहब्बत की बातें करो,
मौला मोहब्बत की बातें करो......¡!
- पीयूष मिश्रा
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