मेरे शब्द
मेरे शब्द
कवि - महमूद दरवेश ( फिलिस्तीन )
हिंदी अनुवाद - गीत चतुर्वेदी ( भारत )

जब मिट्टी थे मेरे शब्द,
मेरी दोस्ती थी गेहूं के बालियों से¡!
जब क्रोध थे मेरे शब्द,
जंजीरों से दोस्ती थी मेरी¡!
जब पत्थर थे मेरे शब्द,
मैं लहरों का दोस्त हुआ¡!
जब विद्रोही हुए मेरे शब्द,
भुचालों से दोस्ती हुई मेरी¡!
जब कड़वे सेव बने मेरे शब्द,
मैं आशावादियों का दोस्त हुआ¡!
पर जब शहद बन गए मेरे शब्द,
मक्खियों ने मेरे होंठ घेर लिए¡!
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