हम कहेंगे मोहब्बत
हम कहेंगे मोहब्बत - अमरजीत चन्दन
हम कहेंगे अमन,
हम कहेंगे मोहब्बत,
हम कहेंगे जद्दोजहद,
हम कहेंगे इंसाफ़,
इंसानियत की बोली को नए सिरे से रचेंगे हम,
नए शब्द बनाएंगे अदबो से,
हम लेंगे ऐसे बदला तुमसे,
भगत सिंह जैसा टोप पहनकर,
चन्द्रशेखर आजाद की तरह मुछो पर ताव देंगे
तुम्हारे सामने खड़े होकर पढ़ेंगे रामप्रसाद बिस्मिल के शेर,
हम लेंगे ऐसे बदला तुमसे,
चटक - मटक से कपड़े पहन कर,
कन्धों पर बच्चों को बिठाये,
हम एक साथ जायेंगे देखने मेला गले मिलकर,
अरे इश्क की ताल पर थिरकेंगे,
धिन धिनक धिन - धिन धिनक धिन,
अरे मोहन सिंह और बुल्ले शाह को याद करके,
हम बय्यां - बय्यां नाचेंगे,
धिन धिनक धिन - धिन धिनक धिन,
हम लेंगे ऐसे बदला तुमसे,
धरती से कान लगाकर सुनेंगे हम,
शाह - हुसैन और दामन को बाते करते,
पढ़ गुलाम अली के मुंह से अर्जुन के शब्द,
और सुबह लक्ष्मी के मुंह से नानक की वाणी,
चमन सिंह के मुंह से सुनेंगे हम फरीद के श्लोक,
और फ़ैज़ के तराने,
आर गागर के दिन के ओम शिव स्तुति
हम लेंगे ऐसे बदला तुमसे....¡!
-अमरजीत चन्दन
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