जमीन जिहाद का सच क्या है?
जमीन जिहाद का सच क्या है?
जमीन जिहाद शब्द का उपयोग मीडिया द्वारा J&K के बहुचर्चित रोशनी एक्ट घोटाले के दौरान किया गया। क्या वाकई ये एक जमीन जिहाद था? इसको समझने के लिए आईये सब बातों पर नजर डालते हैं।
रोशनी एक्ट
रोशनी एक्ट को 2001 में तत्कालीन J&K की नेशनल कांफ्रेंस सरकार द्वारा बनाया गया था-
- इसका मकसद था जम्मू में सरकारी जमीन पर कब्जा किये लोगों को सराकरी तरीके से जमीन बेचने का। जिसमे प्रावधान था कि 1999 से पहले जिन सरकारी जमीनों पर जिसने कब्जा किया है उससे उसकी कीमत वसूली जाएगी।
- इस वसूल किये गए पैसे का उपयोग बिजली विभाग में किया जाएगा।
- बाद में 2004 में 1999 से पहले का बंधन हटा दिया गया।
- बाद में इसमें घोटाला किया गया और जमीन की जरूरी कीमत नहीं वसूली गयी।
- मामला सीबीआई तक गया ।
- अगर सही कीमत वसूल की जाती तो उन जमीनों की कीमत 25000 करोड़ रुपये होती।
- 2018 में कोर्ट ने ये एक्ट खत्म कर दिया।
- जम्मू कश्मीर के इतिहास में ये सबसे बड़ा घोटाला साबित हुआ।
- ध्यान दीजिए ये सिर्फ एक सरकारी घोटाला था।
- चुकी J&K मुस्लिम बहुल इलाका है जिससे सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालो में ज्यादा मुस्लिम थे।
- जी न्यूज को चमचागिरी और टीआरपी का मौका दिखा सिर्फ इसने ही इसे जमीन जिहाद नाम दिया। बाकी सभी घोटाला शब्द का इस्तेमाल करते रहे।
- माहौल ऐसा है कि सबको इसमे चाशनी में डूबी गर्म जलेबी दिखी,,,और सभी(जिनको ऐसी घबरों में मजा आता है) स्वाद लेने लगे।
अब आते है कुछ चीजों पर गौर करते है क्या ये वाकई जिहाद था या तुष्टिकरण की राजनीति के चक्कर मे हुआ एक घोटाला था।
- J&K में चुनाव कोई भी पार्टी मुसलमानों के समर्थन से ही जीत सकती है। इसलिए वहां सत्ता रूढ़ पार्टी मुसलमानों के प्रति तुष्टिकरण की नीति अपनाती है और वहां मुस्लिम जनसख्या ज्यादा है, जिसकी वजह से अधिकांशतः मुस्लिमों को जमीन मिली। फिर इसमें जिहाद कहां से आया? घोटाला सिर्फ घोटाला ही होता है।
- अब सोचिये क्या उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार होने पर यादवो के लिए तुष्टिकरण नहीं अपनायी जाती?80 % थानाध्यक्ष यादव बन जाते हैं। क्या ये पोस्टिंग और प्रमोशन जिहाद है? 2016 में मैं जल निगम के इंजीनियर विभाग के एग्जाम में बैठा। 67/90 नम्बर भी पाकर मैं फेल रहा। 53 नम्बर पाने वाले ओबीसी के ही छात्रों का सेलेक्शन हुआ। मैं भी ओबीसी से हूँ। 2 महीने में जॉइनिंग भी हो गयी। मामला हाई कोर्ट में गया। फरवरी 2020 में वो भर्ती कोर्ट ने रदद् की। ऐसे कितने मामले देश भर में आपको मिलेंगे, क्या वो सब नौकरी जिहाद होता है? या एक भ्र्ष्टाचार घोटाला?
- बसपा के सरकार आने पर दलितों का तुष्टिकरण होता है। Sc act के तहत कभी कभी वो ज्यादती भी कर देते हैं। क्या वो कानून का जिहाद होता है? या कानून का बस एक दुरुपयोग।
- अब यूपी में भाजपा की सरकार है । उसके पास भी तुष्टिकरण के लिए एक बड़ा वर्ग है। आप थानाध्यक्षों की लिस्ट निकालिये ज्यादातर सामान्य श्रेणी वाले होंगे। क्या ये प्रमोशन या पोस्टिंग जिहाद है? या सिर्फ भ्र्ष्टाचार?
- मैं यूपी से हूँ यूपी की बात किया लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति हर राज्य की सरकारें करती हैं यहां तक कि केंद्र सरकार भी। क्या ये राजनीति जिहाद है? या सिर्फ एक घटिया राजनीति।
- देश में अरबो रुपया का घोटाला हर सरकार ने किया।क्या वो सब जिहाद था?
- लोन लेकर सरकार के नाक के नीचे से लोग भाग जाते हैं। करोङो रुपये कर्ज माफ कर दिए जाते हैं। क्या वो सब लोन जिहाद था?
- पूरे देश में रेलवे की जमीन,PWD की जमीन , सड़को की जमीन पर लाखों हेक्टेयर का कब्जा है। ये कब्जा आम आदमी का है। जब तक सरकार उस पर ध्यान नहीं देती वो किसी न किसी की है ही। इसमें अब तक सभी भू माफियाओ के आंकड़ों को मिला देंगे तो उनके हिस्से में भी बहुत जमीने देश भर की आ ही जाएगी। ये सब सरकारी तंत्र के मीले होने पर ही होतो है। क्या ये कब्जा जिहाद है? या सरकारी लापरवाही?
अब आप खुद सोचिये की वो एक जिहाद था या एक घोटाला?
जिहाद का मतलब होता है सिर्फ संघर्ष। जीवन के लिए संघर्ष। जिसे अरबी में जिहाद कहते हैं। न कि जो आतंकवादियों की जिहाद की परिभाषा है उसे जिहाद कहते है। अगर आप भी उस परिभाषा को जिहाद समझते है तो आपकी सोच और एक आतंकवादी की सोच में कोई फर्क नहीं है चाहे वो किसी जाति या मजहब का हो।
3 Comments
It is the right thing in the true sense.
ReplyDeleteYa....
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी जानकारी
ReplyDeletePlease do not enter any spam link in the comment box.