विश्लेषण की प्रक्रिया - process of analysis in Hindi
विश्लेषण की प्रक्रिया-process of analysis in Hindi
विश्लेषण , संश्लेषण के विपरित की जाने वाली एक प्रक्रिया है जिसमें हम किसी भी डेटा ( तथ्य, विचार,यौगिक,कोई भी बात ) का उसके अवयवों में खंडन कर , उनके बीच के आपसी सम्बन्ध, कारण,प्रभाव आदि के बारे में जानकारी इकट्ठी करते है जिससे हमारी समस्या का समाधान मिलता है या हम किसी ठोस नतीजे पर पहुंचे है। यह विश्लेषण तर्क, स्वविवेक , स्वज्ञान या किसी अन्य स्रोत से जानकारी प्राप्त कर किया जाता है। एक उदाहरण दे कर समझाता हूं -
इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष में मै किसी कारण वश शुरुआती सत्र की कुछ लेक्चर अटेंड नहीं कर पाया था। पहली बार जब मै उस सत्र में कॉलेज गया तो 2 लेक्चर के बाद मेरा मित्र बृजेश और कई साथ के लड़के बाहर पार्क में जाने की बात करने लगे।मैंने पूछा क्यों , क्या हो गया ? तो वो बोले एक बूढ़ा गेस्ट लेक्चरर के तौर पर अपवॉइंट हुआ है , आई आई टी से पढ़ा है। लेकिन इतना घटिया और बोरिंग पढ़ाता है ( नोट्स लिख कर लाता है और उसी को लिखवाता है ,नोट्स से बाहर किसी सवाल का जवाब नहीं देता है, कल बताने को कहता है) कि न समझ में आता है कोई बात और न ही पढ़ने का मन करता है। हम रोज पार्क या कैंटीन चले जाते हैं इस पीरियड में। मैंने कहा ठीक है तुम लोग जाओ आज मेरा पहला दिन है पढ़ कर देखता हूं।
अब मेरे पास डेटा है कि वो गेस्ट लेक्चरर बूढ़ा है, आई आई टी से पढ़ा है। घटिया और बोरिंग पढ़ाता है।
उस पीरियड के बाद मेरी नजर में भी ये उपरोक्त डेटा बिल्कुल सच साबित हुआ। अब मन में सवाल है -
- आखिर क्यों वो इतना अनुभव कें बाद भी पढ़ाने में घटिया है ?
- आई आई टी से पढ़ने के बाद भी जानकारी इतनी कम क्यों है कि नोट्स लेकर पढ़ाना पड़ रहा है ?
ध्यान दीजिए उपरोक्त दो बिंदू डेटा के अवयव हैं। यहीं से विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अब कॉलेज से रूम पर आने के बाद मेरे दिमाग में निम्न तर्क चल रहे है -
- वो झूठ बोलते हैं कि आई आई टी से पढ़े है।
मेरे पास सबसे मजबूत तर्क यही है ,लेकिन अभी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है क्योंकि विश्लेषण की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है। अभी बाह्य स्रोत से जानकारी इकट्ठी कर सच का पता लगाना बाकी है।
अगले 2–3 दिनों में अपने डिपार्टमेंट के हेड से हमें यह जानकारी मिली वह पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद कारपोरेट सेक्टर में लाइफ टाइम जॉब किए और रिटायरमेंट के बाद सीधा यहां पढ़ाने के लिए आ गए है। ( यह जानकारी का बाह्य स्रोत है)
अब देखिए विश्लेषण की प्रक्रिया समाप्त हो गई। अब हमारे पास निष्कर्ष यह है कि पढ़ाई खत्म करने के बाद जीवन भर वो जॉब किए। किताबो की दुनिया से कोसों दूर रहे ,इसलिए इनको किताबी ज्ञान और पढ़ाने का कौशल नहीं है, जबकि यदि उनसे प्रयोगात्मक ज्ञान लिया जाता तो मेरा यकीन है कि उनके पास अच्छी जानकारी होती है। इसलिए किताब लिए हुए बोर्ड पर खड़े वो नीरस और बोरिंग लगते थे।
तो विश्लेषण चाहे किसी भी विषय के डाटा के बारे में करनी हो, आप उसके अवयवों में हर अज्ञात चीज के आखिर क्यों ? का जवाब खोजिए। जब आपके पास सारे क्यों के जवाब मिल जाते हैं तो आप विश्लेषण के आखरी चरण निष्कर्ष पर अपने आप पहुंच जाएंगे।
शुक्रिया )
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