गुजर जाने के बाद
गुजर जाने के बाद
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Photo by Larisa Birta on Unsplash |
अब बहारें लौटेंगी तो क्या,
कोई गुल खिलेगा तो क्या,
वो इक मासूम सी कली फना हो गई,
सीखा था जिससे दस्तूर-ए-मोहब्बत,
वो मुहब्बत की तालीम खता हो गई,
खता बख्शने की इजाजत हो अगर,
तन्हा सुनाउँ तुम्हें हाल-ए-जिगर,
जो रूठ कर उसने जहाँ से मुँह फेरा,
लगा मेरे जिस्म से रूह जुदा हो गई,
अब नहीं कोई शिकवा किसी से,
की कयामत में मिलना सज़ा हो गई।
BY-KASHISH
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